मेरी ICU यात्रा।
मई का महीना शुरू होते ही मुझे हरारत पकड़ लेती है. ठीक एक साल हो गया, पिछले साल मई के महीने में किन्ही विपरीत परिस्थितियों के चलते मुझे चिकित्सक से मिलना पड़ा। दुनिया कहती है कि “रोज एक सेब खाओ और डाक्टर को दूर भगाओ” मुझे हमेशा लगा यह तो अंग्रेज़ी में कहा गया है तो अंग्रेज़ों के लिए ही होगा, हमारा क्या लेना देना, अंग्रेज़ सेब खाएं, न खाएं, लेकिन इस सफर के बाद पता चला की हम काले हैं तो क्या हुआ हमें भी प्रचुर मात्रा में सेवन करना चाहिए खासकर अगर आप का रिश्ता हिमाचल से हो। बहरहाल मैं बीवी के साथ टहलता हुआ चिकित्सक तक पंहुचा और उसने तुरंत आला लगा कर लंबी लंबी सांस दिलवाइ। पलक झपकते ही दो चार सफेद धारी मेरे अंग अंग पर आधुनिक यंत्र लगा कर जांचने लगे। और अचानक चिकित्सक ने घोषणा की कि मुझे तुरंत ICU में भरती करना पड़ेगा। बीवी के तो हाथ पांव फूल गए की मैंने तो घर पर राजमा भिगो रखे हैं, वहीं मैं भी मिन्नते करने लगा की मुझे आज न जमा किया जाए, मैंने दाढ़ी नहीं बनाइ है। लेकिन क्रूर चिकित्सक उतावला था मुझे ICU बिस्तर पर पटकने के लिए। मेरे मिमियाने के बाद भी वह मानने को तैयार ही नही था। मैंने और बीवी